.Thu 2 April 2020
नई दिल्ली । देश की राजधानी दिल्ली की पुलिस मौलाना साद के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के बाद पूरी ताकत लगाकर उसे गिरफ्तार करने की कोशिश कर रही है, पर अभी तक पुलिस के हाथ खाली हैं। दिल्ली पुलिस मौलाना साहब से जुड़े करीबी लोगों से पूछताछ करने के अलावा खुफिया तरीके से भी यह जानने की पहल कर रही है कि वह कहां छुप कर बैठा है और आगे के लिए क्या रणनीति बना रहा है।
आपको बता दें कि दिल्ली पुलिस ने ‘लॉकडाउन’ के बावजूद यहां 2000 से ज्यादा लोगों को इकट्ठा करने के लिए तबलीगी जमात के मौलाना साद और अन्य के खिलाफ ‘महामारी कानून 1897’ के तहत केस भी दर्ज कर लिया है। इसके साथ-साथ कई धाराओं में मुकदमा भी दर्ज किया गया है। यह माना जा रहा है कि जैसे ही मौलाना की गिरफ्तारी होगी, उसके खिलाफ कठोर कार्यवाही शुरू हो जाएगी। इसलिए मौलाना गिरफ्तारी से बचने के सारे उपाय करने में जुटा हुआ है।
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लोगों का कहना है कि मौलाना मामला दर्ज होने के पहले दिल्ली के ओखला इलाके में देखा गया था। वहीं कुछ लोगों का यह भी कहना है कि वह जाकिर नगर के आसपास आखिरी बार दिखाई दिया था। इसके बाद वह कहां गया और क्या कर रहा है, किसी को कुछ पता नहीं चल पा रहा है।
गौरतलब है कि दिल्ली के निज़ामुद्दीन इलाके में तबलीगी जमात के मरकज में कोरोना वायरस फैलने से यह जमात देशभर के निशाने पर आ गई है। वैसे यह पहला मौका नहीं है, जब मौलाना साद और ‘तबलीगी जमात’ विवादों में फंसा हो। बताया जाता है कि तीन साल पहले तो जमात में ऐसा विवाद हुआ था कि उसने उसे दो गुटों में बांट दिया था। इसी के बाद मौलाना साद ने पुरानी ‘तबलीगी जमात’ का खुद को अमीर घोषित किया। दूसरा गुट 10 सदस्यों की सूरा कमेटी बनाकर दिल्ली के तुर्कमान गेट पर मस्जिद फैज-ए-इलाही से अपनी अलग ‘तबलीगी जमात’ चला रहा है। मौलाना इब्राहीम, मौलाना अहमद लाड और मौलाना जुहैर सहित कई इस्लामिक स्कॉलर इस दूसरे गुट से जुड़े हुए हैं।
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